महानिदेशक का सन्देश | हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच)

Megamenu

प्रिय हितधारकों,


मुझे हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) टीम के सदस्य के रूप में समृद्ध अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र का हिस्सा बनने का सौभाग्य और सम्मान मिला है। जैसा कि आपको ज्ञात है कि इस वर्ष डीजीएच ने अपना 30वां वार्षिक दिवस मनाया है और नीतिगत मामलों पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को देश के हाइड्रोकार्बन संसाधनों का सुदृढ़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए यथोचित तकनीकी सहयोग  और सलाह प्रदान कर अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र को सेवा प्रदान करने के लिए अपनी भूमिका और उत्तरदायित्व की पुन: पुष्टि की है ।  यद्यपि पूर्वरत इस क्षेत्र में किये गए कार्य सराहनीय है तथापि इस क्षेत्र में और संवार्धित योगदान और मूल्यवर्धन की संभावनाएँ मौजूद हैं ।


विगत 7 वर्षों में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनकारी नीति सुधारों को सार्वभौमिक सराहना मिली है और तेल और गैस क्षेत्र में एक अनुकूल निवेश पारिस्थितिकी तंत्र सृजित हुआ है । मैं सत्यनिष्ठापूर्वक, अपनी ओर से सभी हितधारकों को टीम डीजीएच की अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन देती हूं कि उद्योगों के लिए सुविधाप्रदाता और सरकारी नीतियों के कार्यान्वयनकर्ता की अपनी भूमिका समर्पित रूप से निभायेंगे, जिसका एकमात्र उद्देश्य ईमानदारी के उच्चतम मानकों के साथ सभी हितधारकों के लिए एक पारदर्शी और समान अवसर सुनिश्चित करना है। पारदर्शिता, दक्षता और व्यापार में सुगमता सुनिश्चित करना हमारा मार्गदर्शक दर्शन बना रहेगा ।


मेरे सुयोग्य पूर्ववर्तियों द्वारा संविदात्मक प्रणालियों और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने, सहज डेटा एकीकरण इंटरफेस तैयार करने, उद्योग-अकादमिक संबंधों में तालमेल बिठाने और सभी हितधारकों के साथ मजबूत समन्वय और सहयोग बनाने के लिए ठोस काम किया गया है । मैं, अपनी टीम के साथ, परिचालन दक्षता बढ़ाने, अनुमोदनों में तेजी लाने और त्वरित गति से निर्बाध ईएंडपी संचालन की सुविधा प्रदान करने की दिशा में लगनपूर्वक कार्य करने का आश्वासन देती हूं।


तेल और प्राकृतिक गैस निकट भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा एजेंडे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे । इस हेतु डीजीएच, हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में काम करने और नई प्रोद्योगिकी, नवाचार और लागत दक्षता के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच सक्रिय सहयोग को प्रोत्साहित करने के प्रति प्रतिबद्ध है ।  डीजीएच तेजी से बदलते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य, ऊर्जा परिवर्तन और भारत के नेट जीरो लक्ष्य से अवगत है । डीजीएच ईएंडपी ऑपरेटरों को पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, अनावश्यक गैस दहन को कम करने, सर्वोत्तम एचएसई परम्पराओं का पालन करने और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के माध्यम से अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों को डीकार्बोनाइज करने के प्रति निरंतर संवेदनशील बना रहा है ।


भविष्य को देखते हुए, टीम डीजीएच भारतीय ईएंडपी क्षेत्र के सभी हितधारकों को आश्वस्त करना चाहती है कि हम एक जिम्मेदार और उत्तरदायी संगठन के रूप में उद्योग की अपेक्षाओं को पूरा करने और उसे आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध हैं । मैं सभी उद्योग साझेदारों से अपने विचार और सुझाव सामने लाने और इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में एकजुट होकर सहयोग करने का आग्रह करती हूं । टीम डीजीएच सहक्रियात्मक रूप से हितधारकों को सुविधा प्रदान करेगी और पूरी ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी ।


डीजीएच में, हम आपके निरंतर विमर्श, समर्थन, सहयोग और सलाह को बहुत महत्व देते हैं और उसकी सराहना करते हैं ।


(डॉ. पल्लवी जैन गोविल, आईएएस)
महानिदेशक, हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय